UP New City: उत्तर प्रदेश में अब आने वाले समय में एक और बड़ा बदलाव होने जा रहा है. सरकार ने ऐलान कर दिया है कि राज्य में एक नया स्मार्ट शहर बसाया जाएगा जो पूरे 209 वर्ग किलोमीटर में फैला होगा. इस शहर को बनाने के लिए करीब 16 हजार किसान परिवारों की जमीन ली जाएगी. ये सिर्फ एक शहर नहीं होगा, बल्कि गांवों को शहर से जोड़ने और इलाके की तस्वीर बदलने वाला प्रोजेक्ट माना जा रहा है.

कहां बसाया जाएगा ये स्मार्ट शहर
इस स्मार्ट शहर के लिए ऐसा इलाका चुना जा रहा है जहां हाईवे नजदीक हो, ट्रेन की लाइन भी पास से गुजरती हो और आसपास की ज़मीन जल्दी तैयार हो सके. यानि ऐसा जिला होगा जो पहले से ही थोड़ा बहुत शहर जैसा है और जहां आगे भी काम आसान रहेगा. कुल मिला कर 51,500 एकड़ से ज्यादा जमीन ली जाएगी और उसी पर बसेगा ये शहर.
हजारों किसान देंगे अपनी जमीन
इस प्रोजेक्ट के लिए किसानों के खेत, बाग-बगिचा, तालाब, यहां तक कि पसंदीदा चरागाह भी इसमें आ सकते हैं. सरकार का कहना है कि किसी किसान से जबरन जमीन नहीं ली जाएगी, बल्कि सब कुछ रज़ामंदी से होगा. जिन्हें जमीन देनी है, उन्हें अच्छी कीमत और साथ ही दूसरा इंतजाम भी मिलेगा.
इस शहर में क्या-क्या बनेगा
अब बात करें प्लान की, तो इसमें हर चीज़ स्मार्ट होगी. यानि सड़कें चौड़ी और साफ होंगी, स्ट्रीट लाइट सोलर से चलेगी, हर गली में सीसीटीवी लगे होंगे, पाईपलाइन से पानी आएगा और गंदा पानी भी सही से निकलेगा. यहां स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, मॉल, फैक्ट्री, स्टेडियम, बाजार—सब कुछ बनेगा. ऐसा शहर होगा जो पूरे यूपी का मेगा हब बनेगा.
किसानों को क्या-क्या मिलेगा
सरकार का कहना है कि ज़मीन का दाम बाजार से 2 से 4 गुना तक ज्यादा दिया जाएगा. साथ ही हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी का मौका मिलेगा. जिन्हें चाहे उन्हें घर या दुकान का प्लॉट भी दिया जाएगा. कुछ जगहों पर तो किसानों को खुद का बिजनेस चलाने का भी मौका मिलेगा. बच्चों को पढ़ाई और ट्रेनिंग में पहले नंबर पर रखा जाएगा.
इलाके में आ जाएगा ज़बरदस्त विकास
ये शहर बनते ही उस पूरी जगह की शक्ल और किस्मत दोनों बदल जाएंगी. आसपास की जमीन भी महंगी हो जाएगी और लोग वहां रहने का सपना देखने लगेंगे. नए-नए कारोबार खुलेंगे जिनसे हज़ारों लोगों को रोजगार मिलेगा. होटल, स्कूल, मेडिकल, ट्रांसपोर्ट सब सेक्टर चल निकलेंगे और गावों के लोग भी अब शहर की ज़िंदगी जी पाएंगे.
अधिग्रहण कैसे होगा
सरकार कह रही है कि किसानों को सब कुछ पहले से बताया जाएगा. कोई फैसला दबाव से नहीं होगा. पहले सर्वे होगा, फिर पंचायत में राय ली जाएगी और उसके बाद ही लिखित तौर पर जमीन ली जाएगी. जब तक किसान हां नहीं कहेगा, तब तक किसी की ज़मीन कोई नहीं लेगा. अफसर और गांव वाले साथ मिलकर इस पर बात करेंगे.
पर्यावरण का रखा जाएगा पूरा ध्यान
शहर में खूब सारे पेड़-पौधे लगेंगे, बाग-बगिचे बनेंगे और पानी बचाने के लिए बड़े इंतजाम होंगे. कुल ज़मीन का करीब 25% हिस्सा सिर्फ हरियाली और पार्कों के लिए छोड़ा जाएगा. नए मोहल्लों और बस्तियों में बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल जैसी सारी जरूरतें पूरी की जाएंगी.