Lucknow–Varanasi Highway: उत्तर प्रदेश में लखनऊ से वाराणसी के बीच बन रहा नया सुपरफास्ट हाईवे न सिर्फ सफर को आसान बनाएगा, बल्कि किसानों की ज़िंदगी भी बदलने वाला है. इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी है, और खास बात ये है कि किसानों को उनकी ज़मीन का मुआवज़ा ₹1.5 करोड़ प्रति बीघा तक मिलने की उम्मीद है. यह अब तक का सबसे ऊंचा मुआवज़ा बताया जा रहा है.

किन जिलों से गुजरेगा ये हाईवे
लखनऊ–वाराणसी सुपरहाईवे की कुल लंबाई लगभग 250 किलोमीटर होगी और यह हाईवे बाराबंकी, अमेठी, प्रतापगढ़, जौनपुर जैसे ज़िलों से होकर गुजरेगा. रास्ते में पड़ने वाले 60 से ज्यादा गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. सरकार ने परियोजना के लिए ज़मीन चिह्नित कर नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है.
मुआवज़े से बदल रही ज़िंदगी
इस हाईवे के किनारे की ज़मीनों की मांग अचानक तेज़ हो गई है. जिन खेतों की कीमत पहले ₹20–30 लाख प्रति बीघा थी, वहां अब सरकार और निजी डिवेलपर्स ₹1–1.5 करोड़ तक देने को तैयार हैं. किसानों ने इस मुआवज़े से नई जमीनें खरीदना, पक्के मकान बनवाना और बच्चों की पढ़ाई-शादी की योजनाएं शुरू कर दी हैं.
हाईवे से बदलेगा गांवों का चेहरा
इस प्रोजेक्ट से गांवों में ढांचागत विकास की लहर आएगी. नई सड़कें, बिजली, पानी, स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा. एक्सप्रेसवे के किनारे बनेंगे नए इंडस्ट्रियल ज़ोन, वेयरहाउस और होटल, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे.
ज़मीन वालों की अब खुलेगी किस्मत
जिनके पास इस रूट में ज़मीन है, उनके लिए ये मौका सोने की खान जैसा है. इस अधिग्रहण में पारदर्शिता और त्वरित भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है. किसानों को सिर्फ ज़मीन नहीं मिल रही, अब उन्हें मिल रहा है भविष्य संवारने का मौका — वो भी करोड़ों के साथ.