Delhi-Dehradun Expressway: दिल्ली और देहरादून के बीच सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है. जल्द ही दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे शुरू होने जा रहा है. यह हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे न केवल रास्ता छोटा करेगा बल्कि सफर को भी बेहद आरामदायक और सुरक्षित बना देगा. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा तैयार किया जा रहा यह प्रोजेक्ट अक्टूबर 2025 तक पूरा होकर आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. आइए जानते हैं इसकी पूरी डिटेल – कब खुलेगा. कितना टोल देना होगा. कितनी स्पीड से गाड़ियां दौड़ सकेंगी और और क्या-क्या खास है, आइए जानते हैं विस्तार से…

यात्रा का समय होगा आधे से भी कम
अभी दिल्ली से देहरादून पहुंचने में 5–6 घंटे तक लग जाते हैं. लेकिन इस नए एक्सप्रेसवे के खुलने के बाद यही सफर केवल 2 से 2.5 घंटे में पूरा हो जाएगा. इस हाई-स्पीड ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट की लंबाई लगभग 210 किलोमीटर होगी. सड़क को छह लेन में बनाया जा रहा है और इसकी औसत डिजाइन स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है.
कब खुलेगा Delhi-Dehradun Expressway?
सरकारी सूत्रों की मानें तो दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 90% से ज़्यादा पूरा हो चुका है. फाइनल टच और टोल प्लाजा का काम चल रहा है. अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो यह एक्सप्रेसवे अक्टूबर 2025 तक यातायात के लिए खोल दिया जाएगा. दिल्ली–सहारनपुर लेग, सहारनपुर–हरिद्वार लिंक रोड और देहरादून बायपास सभी को एकसाथ जोड़ कर खोला जाएगा. जिससे सफर पूरी तरह बाधा रहित हो सके.
टोल रेट कितना होगा?
फिलहाल टोल की दरों की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. लेकिन सूत्रों के अनुसार प्रति किलोमीटर ₹1.20 से ₹1.50 तक का शुल्क लिया जा सकता है. यानी पूरे 210 किलोमीटर पर ₹250–₹320 तक का टोल देना पड़ सकता है. कुछ हिस्से जैसे कि सहारनपुर–देहरादून लिंक रोड पर इनिशियल पीरियड में टोल माफ रखा जा सकता है. डिजिटल फास्ट टैग सिस्टम से टोल भुगतान को तेज और बिना रुकावट बनाया जाएगा.
एक्सप्रेसवे की विशेषताएं
यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे कचरे से बनी प्लास्टिक रोड टेक्नोलॉजी और एनवायरनमेंट फ्रेंडली डिजाइन पर आधारित है. इसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन हर 40 किमी पर बनाए जा रहे हैं. साथ ही एक्सप्रेसवे पर तीन प्रमुख इंटरचेंज पॉइंट होंगे – दिल्ली के पास अक्षरधाम, यूपी के सहारनपुर में और उत्तराखंड प्रवेश बिंदु पर. इसके अलावा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम. नाइट लाइटिंग और रोड साइड व्यवस्थाओं को भी बेहतर किया जा रहा है.
पर्यावरण और सुरक्षा दोनों का रखा गया है ध्यान
एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर राज्यों की फ्लोरा–फौना को संरक्षित करते हुए ग्रीन बफ़र ज़ोन विकसित किया गया है. जानवरों के लिए अंडरपास और ओवरपास बनाए जा रहे हैं ताकि वे सुरक्षित रूप से सड़क पार कर सकें. सड़क के किनारे रिफ्लेक्टिव बोल्डर और स्वचालित लाइटिंग सिस्टम रात के समय दृश्यता को बढ़ाते हैं. वहीं ट्रैफिक मॉनिटरिंग के लिए AI-बेस्ड कैमरे और रियल टाइम वेदर-अपडेट डिस्प्ले लगाए जा रहे हैं.
देहरादून और मसूरी टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
दिल्ली से देहरादून का सफर आसान होने से मसूरी, ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे टूरिस्ट स्थलों तक पहुंचना अब और भी सुविधाजनक होगा. इससे उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था. होटल इंडस्ट्री और जॉब सेक्टर को भी सीधा फायदा होगा. तीर्थयात्रियों और वीकेंड ट्रैवलर्स के लिए यह एक्सप्रेसवे किसी वरदान से कम नहीं होगा.