Varansi-Gorakhpur New Railway Line: पूर्वांचल यानी पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की दिशा में एक और बड़ा कदम रखा गया है. केंद्र सरकार ने वाराणसी से गोरखपुर के बीच एक बिल्कुल नई Semi-High Speed Train लाइन को मंजूरी दे दी है. यह ट्रेन न केवल पूर्वांचल के लाखों यात्रियों का सफर आसान बनाएगी बल्कि इस पूरे क्षेत्र को देश की तेज रफ्तार रेलवे नेटवर्क से भी जोड़ेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को इस प्रोजेक्ट से डायरेक्ट फायदा मिलने वाला है.

कहां से कहां तक चलेगी यह नई ट्रेन?
इस नई Semi-High Speed Corridor का स्टार्टिंग पॉइंट वाराणसी होगा और यह ट्रेन गोरखपुर तक सीधे 225 किलोमीटर का सफर तय करेगी. रूट में देORIA, बलिया और बस्ती जैसे क्षेत्र भी शामिल कर लिए जाएंगे. ये सभी जिले पूर्वांचल के महत्वपूर्ण बिजनेस और सामाजिक केंद्र हैं. खास बात ये है कि यह ट्रेन 160 km/h तक की रफ्तार से दौड़ेगी जिससे सामान्य यात्रा समय का लगभग आधा बचाया जा सकेगा.
कौन बनाएगा यह हाई स्पीड रेलमार्ग?
भारतीय रेलवे के तहत यह प्रोजेक्ट रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) और उत्तर रेलवे के संयुक्त उपक्रम में तैयार होगा. रेलवे मिनिस्ट्री के अनुसार यह प्रोजेक्ट ‘बुलेट ट्रेन’ की तकनीक से कम पर Semi-High Speed ट्रेन के अंतर्गत तैयार किया जाएगा. इसका ट्रैक पूरी तरह इलेक्ट्रिफाइड होगा और सिग्नलिंग सिस्टम भी अत्याधुनिक बनेगा.
निर्माण कब से शुरू होगा और कितनी लागत आएगी?
इस ट्रेन प्रोजेक्ट की डीपीआर (डिटेल्ड प्रॉजेक्ट रिपोर्ट) को हाल ही में फाइनल मंजूरी मिल गई है और कार्य 2026 की शुरुआत में शुरू हो सकता है. प्रोजेक्ट पर कुल अनुमानित लागत ₹9,000 करोड़ बताई जा रही है. इसमें स्टेशन अपग्रेड, ट्रैक बिछाव, ओवरब्रिज और सिग्नलिंग सिस्टम का खर्च शामिल होगा.
क्षेत्र को क्या मिलेगा फायदा?
इस पूरी Semi-High Speed Rail लाइन से पूर्वांचल को जबरदस्त फायदा मिलने वाला है. दिल्ली–लखनऊ के बाद अब पूर्वी यूपी के लोगों को भी तेज़, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा मिलेगी. छात्र, व्यापारी और बिजनेस क्लास के लिए भी यह बड़ी सुविधा होगी. साथ ही पूरे पूर्वांचल में मेडिकल, टूरिज्म और रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी होगी.