UP New 6 Lane Highway: उत्तर प्रदेश में अब सड़क विकास परियोजनाएं तेजी से गति पकड़ रही हैं. राज्य सरकार और नेशनल हाईवे अथॉरिटी मिलकर कई बड़ी सड़कों को चौड़ा और स्मार्ट बना रही हैं. इसी कड़ी में एक और बड़ी अपडेट सामने आई है – यूपी की एक महत्वपूर्ण सड़क को अब छह लेन में बदला जाएगा. इस परियोजना के लिए लगभग 600 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. साथ ही शासन स्तर पर इसकी तैयारी भी तेज कर दी गई है. आइए जानते हैं पूरी खबर विस्तार से…

कहां की सड़क को बनाया जाएगा छह लेन?
यह विकास कार्य प्रयागराज जिले के झूंसी से लेकर वाराणसी-बनारस सीमा तक के हाईवे से जुड़ा है. इस सड़क को फोर-लेन से छह-लेन में कन्वर्ट किया जा रहा है ताकि ट्रैफिक का दबाव कम हो और औद्योगिक गतिविधियों को और बढ़ावा मिल सके. यह मार्ग उत्तर प्रदेश को बिहार से जोड़ने वाले सबसे महत्वपूर्ण परिवहन मार्गों में एक है. स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, लखनऊ-वाराणसी के बीच की कनेक्टिविटी में यह कॉरिडोर बेहद अहम साबित होगा.
कितनी जमीन का होगा अधिग्रहण?
इस परियोजना को पूरा करने के लिए करीब 600 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है. भूमि अधिग्रहण के लिए राजस्व विभाग, NHAI और जिला प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं. गांवों की निशानदेही की प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द ही जमीन मालिकों को नोटिस भी भेजे जाएंगे. जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित होगी, उन्हें कानूनी रूप से मुआवजा भी दिया जाएगा.
कितनी दूरी में होगा विस्तार?
यह छह लेन सड़क कुल 74 किलोमीटर तक के हिस्से में विस्तारित की जाएगी. झूंसी से लेकर हंडिया और ज्ञानपुर होते हुए यह रोड बनारस की सीमा तक पहुंचेगी. यह नए हाई-स्पीड कॉरिडोर के रूप में काम करेगा. इसका निर्माण स्मार्ट रोड मानकों के तहत किया जाएगा जिसमें अंडरपास, सर्विस रोड और एनवायरनमेंट फ्रेंडली तकनीकें जैसे सोलर लाइटें भी शामिल होंगी.
सड़क चौड़ीकरण से क्या होगा फायदा?
इस सड़क के छह लेन में बदल जाने से प्रयागराज और वाराणसी के बीच ट्रैफिक जाम की समस्या काफी हद तक कम हो सकेगी. यातायात तेज होगा. पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि काशी और संगम नगरी प्रयागराज के बीच ट्रैवल करने में कितना भी समय न लगे, सुविधा तो मिलेगी. इसके अलावा सड़क के किनारे बसे गांव और छोटे कस्बे भी व्यापार और इंडस्ट्री से जुड़ सकेंगे.
सरकार की तरफ से क्या तैयारी?
यूपी सरकार ने पब्लिक इंडस्ट्री डिपार्टमेंट और NHAI को मिलकर इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं. वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय से इसकी प्रगति की सीधे मॉनिटरिंग हो रही है. सरकार चाहती है कि इसका ज्यादातर काम 2025 के अंत तक पूरा हो जाए.