बरेली से आगरा अब सिर्फ 3 घंटे – New Bareilly-Agra Expressway की बड़ी घोषणा, 220KM होगा लंबा

उत्तर प्रदेश में एक और बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना की घोषणा हो चुकी है. राज्य सरकार ने बरेली को आगरा से सीधे जोड़ने वाला नया एक्सप्रेसवे बनाने का फैसला किया है जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी अब सिर्फ तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी. इस एक्सप्रेसवे से जहां आम लोगों को सफर में सुविधा मिलेगी वहीं टूरिज्म, व्यापार और औद्योगिक विकास को भी जबरदस्त गति मिलने वाली है. जानिए इस नए Bareilly–Agra Expressway की पूरी डिटेल, रूट, फायदे और इसकी टाइमलाइन.

Bareilly-Agra Expressway
Bareilly-Agra Expressway

क्या है Bareilly-Agra Expressway प्रोजेक्ट

प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार नया Bareilly-Agra Expressway कुल 220 किलोमीटर लंबा होगा. इसका निर्माण चार लेन में किया जाएगा जिसे भविष्य में छह लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा. यह एक्सप्रेसवे बरेली से शुरू होकर बदायूं, कासगंज, एटा होते हुए आगरा पहुंचेगा. इसके लिए DPR यानी Detailed Project Report तैयार की जा रही है और निर्माण कार्य 2026 की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है.

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बरेली से आगरा की दूरी अब और आसान

अब तक बरेली से आगरा पहुंचने में 6 से 7 घंटे लगते हैं क्योंकि रास्ता NH 30 और SH 33 से होकर जाता है जो शहरों के बीच से गुजरता है. लेकिन नए एक्सप्रेसवे के शुरू होने से यह सफर सिर्फ 3 घंटे में पूरा होगा. यह हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे ट्रैफिक लाइट फ्री और सीधा होगा जिससे गाड़ियों की तेज रफ्तार में कोई दिक्कत नहीं आएगी.

टूरिज्म सेक्टर को तगड़ा फायदा

आगरा वैसे भी ताजमहल जैसे विश्व प्रसिद्ध स्मारक के चलते टूरिज्म का हॉटस्पॉट है. वहीं बरेली अपनी धार्मिक जगहों जैसे बरेली शरीफ और अलखनाथ मंदिर के लिए मशहूर है. नए एक्सप्रेसवे से इन दोनों शहरों के बीच पर्यटक आसानी से आ-जा सकेंगे और इससे धार्मिक एवं ऐतिहासिक टूरिज्म को गजब की मजबूती मिलेगी.

व्यापार और लघु उद्योगों को मिलेगा बूस्ट

बरेली और आगरा दोनों शहर पैरामेडिकल, टेक्सटाइल, चमड़ा और कांच उद्योगों के लिए जाने जाते हैं. नए एक्सप्रेसवे से इन जगहों से माल की आवाजाही तेज और कम लागत वाली हो जाएगी. इससे MSME यूनिट्स को सीधा फायदा होगा और लॉजिस्टिक सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी. इसके साथ-साथ गोदाम, वेयरहाउसिंग और cold storage सेक्टर में निवेश की संभावना भी बढ़ेगी.

जमीन अधिग्रहण और किसान लाभ

सूत्रों के मुताबिक इस परियोजना के लिए करीब 2,400 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी जो मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में से ली जाएगी. जमीन अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजा और पुनर्वास योजना तैयार की जाएगी. पहले की परियोजनाओं जैसे गंगा एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसे केसों से किसानों को करोड़ों रुपये का मुआवजा मिला था और इस बार भी यही उम्मीद जताई जा रही है.

पर्यावरण और सुरक्षा भी है प्राथमिकता

इस एक्सप्रेसवे के साथ ग्रीन बेल्ट, वर्षा जल संचयन की व्यवस्था और EV चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने की योजना है. साथ ही हाइवे पर CCTV कैमरे, SOS कॉलबॉक्स, पुलिस पेट्रोलिंग और एंबुलेंस सेवा की भी व्यवस्था रहेगी जिससे सुरक्षा के साथ-साथ सुविधा भी बनी रहे.

कब शुरू होगा काम और कब पूरा होगा

सरकार की योजना है कि इस प्रोजेक्ट का भूमि अधिग्रहण कार्य 2025 के मध्य तक पूरा कर लिया जाए और इसके बाद 2026 की शुरुआत से निर्माण कार्य शुरू किया जाए. प्रोजेक्ट की कुल लागत ₹12,000 करोड़ के आसपास हो सकती है और 2029 तक इसे चालू करने का लक्ष्य तय किया गया है.

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