Delhi-Jaipur Expressway: भाइयों-बहनों, अब दिल्ली से जयपुर जाना मज़ाक बन जाएगा. जहां पहले इन दो शहरों के बीच गाड़ी से पहुँचने में 5 घंटे लगते थे, अब सिर्फ 2 घंटे में ही पहुंच जाओगे. वजह है एक नया हाई स्पीड एक्सप्रेसवे, जिसका काम ज़ोर-शोर से शुरू हो चुका है और जिस पर ₹14,000 करोड़ का खर्च होगा. ये सड़क बनेगी तो सफर भी आसान होगा और कारोबार-रोज़गार दोनों में रफ्तार आ जाएगी.

इसमें खास क्या है?
ये नया दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे करीब 195 किलोमीटर लंबा होगा. रास्ते में कई जिले और सैकड़ों गाँव आएंगे. सड़क एकदम चौको-चौकस होगी – 8 लेन की, और बाद में जरूरत पड़ी तो इसे 16 लेन तक बढ़ा भी देंगे. बीच-बीच में सीसीटीवी कैमरे, इमरजेंसी फोन, ड्रेनेज सिस्टम और ग्रीन बेल्ट भी लगाई जाएगी, यानि सड़क सुंदर और सुरक्षित दोनों होगी.
दो घंटे में कैसे पहुंचेगा सफर?
अभी NH-48 और NH-21 पर ट्रैफिक और जाम ने मुश्किल पैदा की हुई है, पर नए एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां 120 km/h की रफ्तार तक दौड़ सकेंगी. इससे दिल्ली एयरपोर्ट के पास से जयपुर के चांदवाजी तक का रास्ता फटाफट कट जाएगा.
किन-किन को फायदा मिलेगा?
ये रास्ता दिल्ली, गुरुग्राम, नूंह, अलवर, और राजस्थान के कई जिलों के लिए विकास की नई लाइन खोल देगा. मानेसर, बवाल, रेवाड़ी, झज्जर, महेंद्रगढ़, अलवर और सीकर जैसे औद्योगिक और रिहायशी जगहों तक पहुंच आसान हो जाएगी. करीब 400 गाँव और 7 जिले सीधे इस सड़क का फायदा उठाएंगे.
कब तक बनेगा और कितना खर्चा आएगा?
सरकार ने इसके लिए ₹14,000 करोड़ का पूरा इंतजाम कर लिया है. NHAI यानी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टेंडर भी जारी कर दिए हैं. काम चालू हो चुका है और टारगेट है कि 2027 तक ये सड़क पूरी तरह तैयार हो जाए.
सड़क होगी किफायती और टिकाऊ
बारिश में पानी भरने की टेंशन नहीं होगी क्योंकि उसमें सही जल निकासी का इंतजाम होगा. रोड पर सीसीटीवी, स्पीड चेक करने वाले रडार, इमरजेंसी सर्विस और अलग लेन में ट्रक-बस चलाने का प्लान रहेगा. सड़क के दोनों किनारों पर पेड़-पौधे भी लगाए जाएंगे ताकि माहौल हरा-भरा रहे.
इलाके में क्या बदलाव आएगा?
दिल्ली-जयपुर के बीच कारोबार तेज़ होगा. टूरिज्म, होटल, मार्केट और इंडस्ट्री का धंधा बढ़ेगा. गांव-कस्बों में जमीन-मकान के भाव चढ़ेंगे और रोजगार के बहुत मौके निकलेंगे. माल-ढुलाई आसान और सस्ती हो जाएगी, जिससे कारोबारी भी खुश रहेंगे.
सफर का अनुभव भी बदलेगा
जो लोग रोज़ इन दो शहरों के बीच आते-जाते हैं, उनके लिए अब ये सपना जैसा होगा. बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी आसानी से सफर कर पाएंगी. लंबी दूरी की झंझट वाली थकान अब खत्म हो जाएगी.